तबा मिना एक जनावर ला समन्दुर मा लक हिटत चोवयो। जोनको दहा सिंग अना सात डोस्का होतीन। ओको सींग मा दहा राज मुकुट होतीन। अना ओको डोस्की मा परमेस्वर की निन्दा को नाव होतो।
वय दहा सींग जोनला तू ना चोवी सेत, अना वा जनावर वा बेसिया लक लगत गुस्सा करहेत। अना वोको सबा चीज हिसक लेहेत। अना वोला बिना कपरा को सोड़ देहेत। वय वोको आंग ला नास कर देहेत। अना स्तो मा जला डाखेत।
वोकी दुख ला हेत करके भेव के मारे, दूहुर उभा होयके वय कव्हन लगीन। धिक्कार! धिक्कार, हे ताकतवर मोठोनगरी बेबीलोन! धिक्कार तोरो पर से! तास भर मा च तोरो दन्ड की बेरा आय गईसे।
उनना आपरो-आपरो डोस्का पर धुल डाकिन अना चिल्लात रोवत अना कलपत होयो सांगीन, “हाय-हाय मोठो नगर जो की सम्पती लक सबच नाव वारा धनी होय गयो होतीन, अता घन्टा भर मा उ उजड़ गयो।”