लोक खुदच हमला सांग सेत का तुमरो कन हमरो कसो मान भाव भयो अखीन तुमी कोनो पिरकार देव-मुरती ला छोड़के परमेस्वर को कन फिरयो सेव जेनको लक तुमी खरो अना जित्तो परमेस्वर को सेवा मा बनीसेव।
तबा पयलो सरगदूत ना जायके, आपरो बटका धरती मा, उबड़ देईस। एना कारन लक उन मानूस गीनला, जोन पर ओनो हिसंक जनावर को छाप होतीन, अना जोन ओको मुरती को पूजा करत होतीन। उनला कस्ट देनवारी अना मारन वालो फोड़ा हिटन।
तबा सात सरगदूत जोन सात बटका धरयो होतिन, उनमा लक एक ना कह्यो, “आव, अना एक महा बेसिया को सजा चोव।” वो बेसिया वा महानगर सेत, जोन नद्दीगिन को कगर मा बसो सेत।
तबा जिन सात सरगदूत गीन को कठा सात आखरी मुसीबत लक भरयो सात बटका होतीन। उनमा लक एक ना मोरो कठा आयके मोला सांगीस, “आव, मि तुमला नौरी मेढ़ा को नौरी दिसाऊ।”
जब वोना उ पावती ले लियो, ता उन च्यार जीव अना चौबीस बुजरुक ना पाठी ला पाय पड़के परनाम करीन। उनमा लक हरेक को जवर बिना होतो। अना वय सुगन्धित चीज लक भरयो सोन्नो को धूपदानी राखयो होतिन। जोन संतगिन को पिराथना होतो।