2 मंग मीना एक बादल लक आवाज आयको। एक मोठो नद्दी को अवाज जसो होतो, या घनघोर मेघ गरजन को वानी होतो। जोन आवाज मीना आयको होतो। वा लगत सो बीना एक संग बजासेत जसो अवाज होतो।
“सातवो सरगदूत ना जबा आपरो तुर्रा फूँकीस तो बादल मा लगत आवाज होवन लगयो।” वय कव्हत होतिन, “अबा जगत को राज आमरो पिरभू को सेत। अना वोको मसिहा को। अबा वा साजरो सासन लक हरामेसा राज करहेत।”
मंग मोला एक काँच को सागर चोवयो, जोनमा स्तो होतो। अना मिना चोवयो का ओनो जनावर अना ओको मुरत, अना ओको नाव गिनती लक जीत गयो होतिन। अना परमेस्वर को सरगदूत वोना काँच को सागर मा उभो होतिन।
अना तोरो मा वीना बजानवारा, संगीतवारा, बंसरी को धुन अना तुर्रा फुकन वारा, को आवाज मंग कबच नहि आयकु आय। नाच कोनी कला को सिल्पकार तोरो मा मंग कभी पायो जाहेत। नाच तोरो मा कोनी चकिया को आवाज कबच आयकुआयत।
जब वोना उ पावती ले लियो, ता उन च्यार जीव अना चौबीस बुजरुक ना पाठी ला पाय पड़के परनाम करीन। उनमा लक हरेक को जवर बिना होतो। अना वय सुगन्धित चीज लक भरयो सोन्नो को धूपदानी राखयो होतिन। जोन संतगिन को पिराथना होतो।