जब वोना उ पावती ले लियो, ता उन च्यार जीव अना चौबीस बुजरुक ना पाठी ला पाय पड़के परनाम करीन। उनमा लक हरेक को जवर बिना होतो। अना वय सुगन्धित चीज लक भरयो सोन्नो को धूपदानी राखयो होतिन। जोन संतगिन को पिराथना होतो।
वय लोकगीन यो नयो गाना गावन लगीन। तु ऐना पावती धरन अना येकी सिक्का खोलन को लायक से। येको एवज मा तुना बली होयके, आपरो रकत लक, हर एक कुल, अना भासा, अना लोक अना जात लक परमेस्वर को लाई लोक हिन ला मोल ले लेई सेस।