यदि वय भटक जाहिन तो उनला मन मुरकाके लवटानो मुस्किल सेत। उनना जसो आपरो ढंग लक नवा सिरा लक परमेस्वर को टूरा ला मंग कूरूस मा चघायो अना वोको सबको सामोर बेइज्जती करयो।
जेना रिति लक सदोम गमोरा अना उनको आखा पाखा को नगर ना उन सरगदुतगीन को जसो छिंडरा करीन अखिन वय सुभाव को बिरोध वासना को दास बन गयीन। उनला कबच ना बुझनवारी स्तो मा झोक देन को सजा दियो गयीसे। वय आमला चेतावनी देन को रुप मा पायी जासे।
उतरो च बेरा मोठयो भुयीडोल आयो, अना नगर को दसवा हिस्सा पड़ गयो। अना 7,000 लोकगीन मर गयीन। अना जोन लोक बचयो होतिन वय डराय गयीन। अना सरग को परमेस्वर को महीमा करन लगीन।
मंग एको मंघा एक अखिन दुसरो सरगदूत आयो, अना कव्हन लगयो, “वोको सत्यानास भयी गयो सेत। मोठो नगर बेबीलोन को सत्यानास भयी गयो। वोना सब देस ला खोटो काम को नसा करायो होतो।”
तबा सात सरगदूत जोन सात बटका धरयो होतिन, उनमा लक एक ना कह्यो, “आव, अना एक महा बेसिया को सजा चोव।” वो बेसिया वा महानगर सेत, जोन नद्दीगिन को कगर मा बसो सेत।
वोकी दुख ला हेत करके भेव के मारे, दूहुर उभा होयके वय कव्हन लगीन। धिक्कार! धिक्कार, हे ताकतवर मोठोनगरी बेबीलोन! धिक्कार तोरो पर से! तास भर मा च तोरो दन्ड की बेरा आय गईसे।
ओना जोरलक चिल्लाय के कव्हयो “पड़ गयो! पड़ गयो! सुंदर मोठो नगर बेबीलोन पड़ गयो। अब यो बुरो आतमा को घर, असुद्ध आतमा का आसरा, अना हर एक असुध्द अना घिरनावारा पक्सी का बसेरा बन गयो से।
तबा एक ताकतवर सरगदूत ना चकिया को पाट को जसो एक मोठो पत्थरा ला उचलके यो कव्हत हुयो समुंदर मा फेक देइस, “ऐना रिती लक मोठो नगरी बेबीलोन भी ताकत सँग फेक दियो जाहे। अना ओको पता भी नही चलेत।”