10 अना सब धरती को लोकगिन यो गोस्टी लक खुसी मनाहेत। अना एक दुसरो ला भेट देहेत। काहेका यो दुयी भविस्यवक्ता गीनना धरती को रव्हनवारा गिनला लगत दुख दियो होतिन।
येना अदभूत काम दिसावन को ताकत ओनो जनावर पुढ़ा भेटयो होतो। अना धरती को रव्हन वालो गिनलक दगाबाजी करत होतो। अना उनला कव्हत होतो। की ओनो जनावर को मुरत बनाव, जेनको पर तलवार को निसान सेत अना वा दुबारा जित्तो होय गयो से।
काहेका तुम्ही ना धिरज लक सहन करता हुया मोरो हुकूम ला मानीसेव। बदल मी परिक्सा को बेरामा तुमारो रक्सा करीन। जोन यो दुनिया मा रव्हन वालों ला परखन लाय पुरो संसार मा बस आवन वालो सेत।