मंग मोला नापन को लाय एक छड़ी दियो गयो। अना मोला कव्हयो गयो। “उभो होय अना परमेस्वर को मंदिर अना वेदी ला नाप, अना जोन लोकहुन मंदिर को भीतर अराधना करा सेत, उनको गिनती कर।
मंग मोला एक अना सरगदूत ला बादल को बीच मा उड़तो हुयो दिसयो। जोनको जवर धरती पर का रव्हनवारा हरेक कबिला, कूल, भासा अना लोकगीन ला आयकावन लाय अमर साजरो बारता होतो।
वय लोकगीन यो नयो गाना गावन लगीन। तु ऐना पावती धरन अना येकी सिक्का खोलन को लायक से। येको एवज मा तुना बली होयके, आपरो रकत लक, हर एक कुल, अना भासा, अना लोक अना जात लक परमेस्वर को लाई लोक हिन ला मोल ले लेई सेस।