तबा यीसु ना जवाब दियो, आपरो भरोसा को कमी कारन लक, काहेका, मी तुमला खरो-खरो सांगसू का यदि तुमी मा राई को बीज, को बराबर भरोसा से अना यो पहाड़ लक कव्हने “यहान लक हट अना उता जा!” तो उ सरक जाहेती। अना तुमरो, लाय काही भी कठिन नहात।
मि तुमी लक खरो कव्हसु “की जोन कोनी मन मा संका नही राखेत अना भरोसा राखके यो पहाड़ लक कहे, की तु उखड़ अना यहान समुदर मा पड़ जाय त ओको लाई वसो होय जाहेत।”