काहेका उ भूत-पलित ला हिटन को हुकूम देवत होतो। व ओला घड़ी-घड़ी झूमत होतो अना ओला साँकल अना बेड़ी मा बांधत होतिन, पर उ बंधन ला पटा-पट तोड़ देत होतो। अना जंगल मा भागतो फिरतो रहोत होतो।
जसो टूरा समोर मा आयो, बुरो आतमा वोला धर के ना मरोड़ दियो, पर यीसु ना वोला डटकार के वोला परान को हुकूम दियो, उ टूरा साजरो भय गयो, अखीन वोला वोको बाबूजी ला सोप देइस।