18 जितानी-उतानी वा ओला धरके अना पटक देसे, ओला मिरगी आवासे मिना तोरो चेला ला भूत कहाडन लाय कव्हयो, पर वय कोनी काम को नाहत ओला नही कहाड़ सकीन।
उ परदेस लक एक कनानी बायका हिटी, अना चिल्लायके कव्हन लगी हे पिरभु दाऊद की संतान मोरो पर रहम कर, मोरी टूरी ला भुत-पलित लगत सताय रहिसे।
मी वोला तोरो चेला गीन को कठा आनयो होतो। पर वय वोला साजरो, नही कर सकिन।
पर राज की संतान बाहेर इंधारो मा डाक दियो जाहे उता रोनो अना दाँत को पीसनो होहे।
मि तुमी लक खरो कव्हसु “की जोन कोनी मन मा संका नही राखेत अना भरोसा राखके यो पहाड़ लक कहे, की तु उखड़ अना यहान समुदर मा पड़ जाय त ओको लाई वसो होय जाहेत।”
भीड़ मा लक एक ने ओला जवाब देइस, हे गुरुजी मि आपरो टूरा ला जेनको पर भूत झोमो से वोला तोरो कठा आनयो होतो।
यो आयक के ओना जवाब देइस तुम्ही अबिस्वासी काहे बनयो सेव? मि कब लक तुमरो सहुँ? बिमार ला मोरो कठा आनो।
तबा उ बीमार ला ओको कठा आनीन, तब ओना डोरा भरके ओला चोइस, अना वा भूत ओला मरोड़न लगयो, अना जमीन मा पटकन लगयो, अना उ टोन्ड लक फेसकुड़ फेकन लगयो।
तबा भूत बेमियायके ओला लगत मरोड़के वोमा लक हिट गयो। अना उ टूरा मरो जसो भय गयो, एतरो तकन की लोग कव्हन लगीन, उ मर गईसे।
जबा उनना एना गोस्टी ला आयकिन ता वय हिजड़ गईन, अना वोको पर दाँत पीसन लगीन।
वय समुंदर को असो भयानक हिलोर सेत, जोन अपरी लाज की फेस उचलासे यो डावाडोल तारा सेत, जोन लाई सदा बेरा तकन घोर अंधार ठहरायी गई से।