17 यीसु ना यो जानके उनलक कहीस, तुमी आपस मा मन मा काहे सोचसो? का आमरो कठा भाकर नहात। का तुमला अबा तकन समज मा नही आयो से, का तुमरो “अक्ल मा गोटा पड़ गयो से?”
यीसु ना फरिसी को कड़ो मन ला चोयके उदास भय गयो, अना हिजड़ के चारो कन चोयीस अखीन ओनो मानूस ला कहीस “आपरो हात बढाव।” ओना बढाईस, अखीन ओको हात साजरो भई गयो।
ओने मंग तीसरो डाई ओला कहीस, हे समौन योहन को टूरा, का तु मोरो लक माया राखसेस। मंग पतरस उदास भय गयो की ओने तीसरो गन असो कह देइस। का तु मोला माया राखसेस? अना एतरो पर ओने कह देइस, का हे पिरभू तु तो सब काही जानासेस की मि तोरो लक माया राखसु का नही। यीसु ना मंग कहीस मोरी मेढा ला चराव।
मि ओको महामारी लक वोको लेकरा गिनला मारुँह अना सप्पा कलीसिया ला मालूम भय जाहे का मन ला अखीन आतमा ला जाँचन वालो मि च सेव। अना मि तुमी मा लक हरेक ला ओको कामगीन को अनुसार फर देहबिन।