अरे अभागो खुराजीन नगर, अरे अभागो बैतसैदा नगर तुम्ही मा जोन अचरज को काम कियो गयो सेत। अदि नास कियो नगर, सुर अखीन सैदा मा होत्यो। त वहान की जनता, रड़त-रड़त गम मनाय के, कबा लक पाप लक मन ला हटाय लेई होतिन।
यीसु गलील को झील को जवर, हिंड रहयो होतो, ओना दुई भाऊ गीन समौन जेनको नाव पतरस भी कहलावसे, अना ओको भाउ अन्दिरयास ला झील मा जाल डाकत चोविस; काहे का वय धिवर होतीन।