काहे की उ लगत गन साकल लक बाँधयो गयो होतो पर ओना उन साँकल ला भी तोड़ दियो होतो। अना बेडी ला भी टुकड़ा-टुकड़ा कर डाकिस, अना कोनी ओला बस नही कर पाइन काहेका उ लगत बलवान होतो।
काहेका उ भूत-पलित ला हिटन को हुकूम देवत होतो। व ओला घड़ी-घड़ी झूमत होतो अना ओला साँकल अना बेड़ी मा बांधत होतिन, पर उ बंधन ला पटा-पट तोड़ देत होतो। अना जंगल मा भागतो फिरतो रहोत होतो।