जबा व डोंगा लक खालया मा उतरियो, तो उ नगर मा एक मानूस होतो। जेनको मा भूत-पलित धसी होतीन। उ बिना कपरा को रव्हत होतो, न तो घर मा रव्हत होतो, उ मरघट्टी को जघा मा रहोत होत्यो।
जसो टूरा समोर मा आयो, बुरो आतमा वोला धर के ना मरोड़ दियो, पर यीसु ना वोला डटकार के वोला परान को हुकूम दियो, उ टूरा साजरो भय गयो, अखीन वोला वोको बाबूजी ला सोप देइस।