12 सार-सांगड़ ना यीसु लक गीड़गीड़ायके बिनती करीन की “आमीला खालमानी मा डाक देव।”
अना वोको नाव सफा सीरिया देस मा, फैल गयो। अखीन लोकगीन सप्पा बीमार ला, अना दुखी मानूस गीन ला अना जिनमा भुत-पलित झोमयो होतिन, मिरगी वारा, लकवा वारा ला ओको जवर आनीन। अना उ उनला साजरो करत होतो।
पवीतर चीज कुतरा गीन ला नोको देव, अना आपरो मोती खालमानी को पुढा नोको डाको, असो नोको होय की वय उन ला पाय खाल्या खुँदेत अना पलट के तुमला फाड़ डाकेत।
उता पहाड़ी को ढलान मा खालमानी को एक करप चरत होतो।
तबा यीसु ना ओला हुकूम देइस। की हिट जाव, तबा सारो सार संगाड़ ओमा लक हिटके खालमानी को करप मा धस गई। अना करप जिनको गिनती दोन हजार को होती, लवकर झपट के झील मा धस पड़यो। अना बूड़ के मर गयो।
काहेका भीतरी गोस्टी अमीला मालूम नाहती का सैतान को काजक योजना सेत।
तू संयमित राहा अना जागत राहा! तुमरो विरोधी, सैतान सेर सिरिको गरजसे अना कोनाला फाड़ डाकू असो च तक्का मा रव्हसेत।