11 उता पहाड़ी को ढलान मा खालमानी को एक करप चरत होतो।
पवीतर चीज कुतरा गीन ला नोको देव, अना आपरो मोती खालमानी को पुढा नोको डाको, असो नोको होय की वय उन ला पाय खाल्या खुँदेत अना पलट के तुमला फाड़ डाकेत।
उनको लक काही दुहुर पर एक खालमानी की हेड़ चरत होती।
अना वय वोको लक गजब बिनती करीन “आमीला यो छेतर लक नोको हेड़स।”
सार-सांगड़ ना यीसु लक गीड़गीड़ायके बिनती करीन की “आमीला खालमानी मा डाक देव।”
वहान, पहाड मा खालमानी को एक मोठो करप चर रहयो होतो। एको लाय उनना, ओको लक बिनती करीन, हमला उनमा धसन देव। यीसु ना कहीस जाय!