41 अखीन वय गजब डराय गईन होतीन, अना आपसी मा कव्हन लगीन की “यो कसो मानूस से की जेकी हुकूम ला वारा अना पानी को लहर भी मानासेती?”
जबा वय नाव मा चघ गईन, ता वारा थम गई।
अना वय अचंभा भयके कहिन, यो कसो मानूस से का आँधड़ अना, पानी एको हुकूम मानासेत।
ओना उन लक कहीस; “कायलाई डरासो? का तुमला अबा तकन भरोसा नहाय?”
यीसु अना ओको चेला झील को ओनागन गिरोसेनियो नाव को जघा मा पहुचीन।
तबा वा बायको यो जानके की मोरी कसी भलाई भई से डरात अना कापत आयी, अना यीसु को पाय पड़के, ओको लक सबच हाल खरो-खर सांगिस।
अना वय लगत चकित भयके कव्हत होतीन, “वोना जोन काही भी करीसेस, साजरोसे। उ मुक्कोपन ला बोलन अना भैरागीन ला आयकन को ताकत देसे।”
योच लाइ सबा ला, अचंभा भयो, अना वय आपस मा बोलन लगीन। ये कसो ताकत अना हक से, यो भूत ला हुकूम देवासे, अना वा हिट जासे।
तबा वोना उनला कहीस, “कसो, तुमरो भरोसा कहांन से?” अना वय डराय गयो होतीन, अना चकित होय के कव्हन लगीन “उ कोन आय जोकी हुकूम पानी अना आँधड़ भी मान सेती।”
एकोलाय जबा अमीला असो अटल राज भेटनवारा सेत। तो आव आमी परमेस्वर को धनवाद मानके भेव को संग, परमेस्वर को असो भगती करबीन जोन वोला पावन भई जाय।
“हे पिरभू कोन तोरो लक नही भेव मानहेत? अना तोरो नाव को बड़ाई नही करेत? काहेकि तुच केवल एक पवीतर से, अना सबरो लोक गीन आयके तोरो पूजा नहि करहेत, काहेकी तोरो नियाव को काम दिसाय गयो सेत।”