37 तबा मोठी आँधड़ आयी अना पहला चलन लक नाव मा पानी भरन लगयो।
तिन बार मीना बेत लक मार खायो, एक बार मोला गोटा लक मार पडयो, तीन बार जोन जहाज मा बस्यो होतो वोच टूट गयो। एक रात दिवस मी ना सगर मा काटयो।
अना उनको जहाज रेतामा टक्करायो। जहाज को अगलो हिस्सा रेतामा फस गयो। अना थम गयो अना ताकतवर लहेर को थपेड़ लक जहाज को मघा को हिस्सा टुटन लगयो।
अना उ भीड़ ला छोडके आपरो संगीगिन को सँग नाव पर चघके चली गयो अना ओको सँग अखीन नाव होतीन।
अना यीसु जहाज को मंघा गद्दी मा झोप रहयो होत्यो, तबा चेलागीन ना जगाय के कहिन “हे गुरुजी हमि नास होय रही सेजन, का तोला हमारो चिंता नाहत?”