27 अना उ रात मा सोय जासे अना दिवस ला जागासे अना उ बीज असो बढासे की उ नही जान पावसे।
मंग ओना कहीस “परमेस्वर को राज असो से, जसो कोनी मानूस जमीन मा बीज बोवासे।
जमीन आप लक आप फसल ला बनासे अना गँहु अँकुर बनासे अना बढ़ासे अना दाना पकासे।
अगो भाऊगीन, तुमरो बारे मा आमला सबच बेरा परमेस्वर को धनवाद करनो चाव्हसे, यो जरुरी से, एको साठी की तुमरो भरोसा लगत बढ़ जावसे, अना तुमी सबच को माया आपसी मा लगत बढ़ जावसे।
तुमी लोक आमरो पिरभु अना तारनहार यीसु मसिहा, को किरपा अना गियान मा बड़त रव्हो, वोको अता अना अमर काल तकन वोको गौरव होवत रव्हे। आमेन।