12 एकोलाय का “वय डोरा लक चोवयेत पर, उनला सुझाई नही पड़हेत, अना वय आयकेत, पर समझ मा नही आहेत, कही असो ना भई जात का वय परमेस्वर को कन मुड़ जाहेत, अना परमेस्वर उनला छिमा कर देहेत।”
“तुम ला परमेस्वर को राज को, छुपयो गोस्टी को समझाय दियो गयो से। पर परायो ला, उदाहरन लक आयकवायो जासे। एकोलाय का वय चोवकेना बिना चोवो जसो भयी जाय, अखीन आयकनो पर भी नही समजेत।”
यदि वय भटक जाहिन तो उनला मन मुरकाके लवटानो मुस्किल सेत। उनना जसो आपरो ढंग लक नवा सिरा लक परमेस्वर को टूरा ला मंग कूरूस मा चघायो अना वोको सबको सामोर बेइज्जती करयो।