यीसु सारो गलील मा हिंडत-हिंडत उनको पिराथना घर मा सिक्सा देवन लगयो होतो। अना राज को साजरो बारता को बारे मा सांगत होतो। अखीन लोक गीन की हर बीमारी, अना कमजोरी, ला साजरो करत होतो।
अना जिता-जिता गाँव नगर अना बस्ति मा उ जावत होतो लोक बीमारगीन ला बाजार मा राखके ओको लक बिनती करत होतीन, का उ उनला आपरो कपरा को छोर ला छुवन दे, अना जेतरा वोला छुवत होतीन, वय सप्पा साजरो भय जात होतीन।
एको असो फर भयो का जोन लोक अपरा बिमारगीन ला आनके खाट अना बिस्तर मा आन-आन के रस्ता-बाट मा सोवान लगीन, जोनलक जबा पतरस उता लक हिटेत त काही भी पिरकार लक वोकी सावली पड़जाय।