11 “मि तोला कहुँसू की उठ, आपरी खाट उचल अना आपरो घर ला जाय।”
ओना ओको पर दया करके हात बड़ाइस, अना ओला छुयके कहीस “मि चाव्हसू की तु साजरो होय जाय।”
पर जेनको लक तुम जान लेव की “मी मानूस को टूरा ला धरती पर पाप छिमा करन को भी हक से।” ओना ओनो लकवा को रोगी लक कहीस,
उ गदने उठयो अना आपरी खाट ला उठायके, सबको पुढा लक हिटके चलो गयो, एतरो पर सबच अचंभा करन लगीन अना परमेस्वर को बड़ाई करता हुया, यो कव्हन लगीन “की आमी ना असो कभी नही चोयो।”
आतमा ता जिन्दगी देन वालो से, माँस लक कोनी फायदा नही से, जो गोस्टी मीना तुमी लक कव्हसू, वय आतमा अना जिन्दगी दुही सेत।