3 यीसु जबा बैतनिय्याह समौन कोढ़ी को घर जेवन करन लाई बसयो होतो, तबा एक बायको सील बँद सीसी मा सुध्द जटामाँसी को बेसकीमती इतर आनी, अना सील तोड़के तेल ला ओको डोस्का मा रिचाय देइस
तबा उ उनला सोड़के नगर को बाहेर बैतनियाह गाँव मा गयो, अना रात बिताईस।
असोच जोन ला दुई मिलयो होतो, ओना अखीन दुई कमायो।
पर कव्हत होतीन की “तिहार को दिवस मा नही, एकोलाय की कही असो न होय की लोकगीन मा बगावत होय जाय।”
पर कोनी आपरो मन मा गुस्सा होयके कव्हन लगीन, यो इतर ला बेकार काहे कर दियो?
या वाच मरियम से, जेना पिरभू पर इतर डाकके ओको पाय ला चुन्दी लक मलन लगीन। वोको भाऊ लाजर बीमार होतो।