पाठी को बलिदान तिहार को पयलो दिवस जोन मा वय फसह को बलिदान करत होतीन, ओको चेला ना ओला पुसिन, “तु किता चाव्हसेस की आमी जायके तोरो लाई फसह को पाठी को बलिदान को तैय्यारी करबिन?”
उन लोक हुन को लाई यो लगत बुरो से का उनना कैन को सो वाच रास्ता बेचयीसेस। न कमान को लाई उनना आपरो आपला वसोच गलतीको सुपुरुत कर देईस जसो बिलाम ना करयो होतो। एकोलाई वयच नास होय जाहेत जसो कोरह को बिरोध मा पराय लेवन वालो नास कर देयो गयो होतीन।