24 “ओनो दिवस मा दुख को मंघा दिन अँधारो भई जाहेत” अना चँदा को उजाड़ो नही होहेत।
पर तुमी सतरक रव्हने, मिना तुमला सबच गोस्टी पयले लक साँग देईसेउ।
परंतु परमेस्वर को दिवस चोर जसो आवन वालो सेत। वोना दिवसी बादल मा मोठ्या गरजन होहेत अना नास भयी जाहेत। अना सब चीज पिघल जाहेत अना धरती अना वोका वरी काम को नियाव होयेत।
परमेस्वर को आवन वारो दिवसा को वाट जोहो अना लवकर च लावन को कोसीस करा। बादल जरत पिघलेत अना बादल को तारागिन तपके टपक जाहेत।
तबा मिना पांढरो रंग को एक महिमा भरयो सिघासन अना ओको मा बसन वालो ला चोवयो, जिनको हाजरी लक धरती अना बादल पराय गयो, अना मंग कबच नही चोवयो।