यीसु ना उन लक कहीस, का तुमीना कभीच पवितर गीरंथ मा यो नही वाचिसेव? “जेना गोटा ला राज मिस्तरी गीनना ठुकरायो सेत, उ कोन्टो को सिरा को गोटा भय जाहे। याच पिरभु की कन लक भईसे, अना आमरि नजर मा अचँम्भा से।”
परमेस्वर को योजना आपरो लोकगीन को लाय आपरो लुकयो बारता मालूम करानो सेत। यो धन अना गौरव दिलान वालो भेद से जोन वोको कठा सब परजात लोकगीन को लाय आस सेत। अखीन वा राज यो सेत का मसीह तुमरो मा सेत। मजे तुमी परमेस्वर को महिमा मा हिस्सा लेवन वारा सेव।
एको मा सक नहाय का भक्ति को भेद गम्भीर से अना उ जोन हिरदय मा परगट भईसे, आतमा ना सच्चो अना धरमी ठहरायो, सरगदूत गीन ला चोवाईस गैरयहुदी लोक गीन मा, वोको परचार भयो संसार मा, वोको बिस्वास करयो गयो अना, महिमा मा वोरता उठायो गयो।