अना ओला कव्हन लगीन, “तु आयक यो काजक कव्हासेत?” यीसु ना उन लक कहीस, “हव का तुमी ना गीरंथ मा यो कबच नही वाचिसेव? टूरागीन अना दुध पिवता लेकरा को टोन्डलक तु ना गजब स्तुति कराईसेस।”
यीसु ना उन लक कहीस, का तुमीना कभीच पवितर गीरंथ मा यो नही वाचिसेव? “जेना गोटा ला राज मिस्तरी गीनना ठुकरायो सेत, उ कोन्टो को सिरा को गोटा भय जाहे। याच पिरभु की कन लक भईसे, अना आमरि नजर मा अचँम्भा से।”
मरयो हुयो को जीवनो को बारे मा, का तुमी ना मोसे को किताब मा, “झाड़ी की कथा” ला नही वाचयत, की परमेस्वर ना कहीस “की मि अबराहम अना इसहाक अना याकूब को परमेस्वर सेव?”
गिरंथ काजक कव्हासेत? “चोवो, मी सिय्योन मा एक गोटा राखा सेऊ, जोनमा लोकहुन खोद्दा खाहेत, एक चट्टान जोन लक वय पड़ जाहेत। तरी जोन कोनी वोको मा बिस्वास करहेत, वा कभ्भू निरास नही होयेत।”