जोन लोकगीन को भीड़ पुढा-पुढा जावत अना मंघा-मंघा चली आवत होती। अना जोरलक कव्हत होती, “दाऊद को सन्तान की बड़ाई होय! धन्य से उ जो पिरभु को नाव लक आवासे, वरता बादल मा बड़ाई होय!”
पर वय चिल्लाइन, ले जाव, ले जाव! अना ओला कूरूस मा चघाव, पीलातुस ना उन लक कहीस, का मि तुमरो राजा ला कूरूस पर चघाऊ! मुखिया पुजारी ना जवाब देइस, कैसर ला छोड़ हमरो कोनी राजा नहाय!