8 लगत लोकगीन ना आपरो कपरा रास्ता मा बिछाइन, अना काही ना खेत मा लक नहानी-नहानी डारी काटके फैलाय देइन।
तबा लगत सा लोकगीन ना आपरो, कपरा रास्ता मा बिछाइन, अना लोकगीन झाड़ लक, डगाली गीन ला काटके रास्ता मा बिछाईन।
अना उनना उ पाटरू ला यीसु को जवर आनके आपरो कपरा ओमा डाक देईन, अना उ ओमा बस गयो।
अना जोन ओको पुडा-पुढा जावत, अना मंघा चलो आवत होतीन, चिल्लाय के कव्हत होतीन, “ओ पिरभू अमीला बचा! धन्य से उ, जोन पिरभु को नाव लक आवासे।