25 अना जबा कभी तुमी उभा होयके पिराथना करासो, त तुमरो मन मा कोनी को बारे मा काही विरोध से ता छिमा करहो, एकोलाय की तुमरो सरग को बाबूजी भी तुमरो गलती छिमा करेत।
जबा तुम्हि पिरथना करने, ता बगला भगत को जसो नोको करने। कासेकी लोकगीन ला चोवन लाई, पिराथना घर मा अना रास्ता, चौगड्डा मा ऊभा होयके, पिराथना करनो, चहेतो लगासे, मी तुम्हिला खरो सांगासू, का वय अपरो करनी को फर पाय लेहेत।
मोसे को नियम को गुरू उभो-उभो असो, पिराथना करत होतो। “परमेस्वर मी तोला धनवाद देवासू, का मी दुसरो लोकगीन जसो, लोभी, अन्यायी, गलत काम करन वालो नहि सेव, अखीन यो जमा वसूली करन वालो, अन्धेर करन वालो जसो नही सेव।
जमा वसूली करन वालो, पापी अधिकारी काही दूहुर मा उभो होतो, वोला सरग कना, डोरा उठानो तकन को हिम्मत नही होतो। उ आपरो छाती पीट-पीट के ना कव्हत होत्यो, “परमेस्वर मोरो पर दयाकर।”