जोन लोकगीन को भीड़ पुढा-पुढा जावत अना मंघा-मंघा चली आवत होती। अना जोरलक कव्हत होती, “दाऊद को सन्तान की बड़ाई होय! धन्य से उ जो पिरभु को नाव लक आवासे, वरता बादल मा बड़ाई होय!”
अना असो नोको सोचो, का तुमी यो कहेके दंड लक बच सकासेव का अबराहम तुमरो पुरखा से, मी तुमरो लक कव्हसु का परमेस्वर एना पहाड़ी को गोटा मा लक अबराहम को लाई आवलाद पैदा कर सकासे।