1 जबा वय येरुसलेम को कगर जैतून पहाड़ पर, बैतफगे अना बैतनिय्याह गाँव को जवर आइन। यीसु आपरो चेला मा लक दुई ला यो कहके धाड़ीस
तबा उ उनला सोड़के नगर को बाहेर बैतनियाह गाँव मा गयो, अना रात बिताईस।
जबा उ जैतून को पहाड़ मा बसो होतो, तबा चेला हुन ना वोला नीजी तौर मा कहीन, सांगो यो गोस्टी कबा होयेत? मनजे अखीन संसार को अखट्ट को काजक हिदान होयेत? तोरो आवन को अना दुनियाँ को आखीर को काजक हिदान होहेत?
तबा वय भजन करतो हुवो, जैतून नाव को पहाड़ मा गईन।
की “ओना नगर मा जावो, अना जसो ही तुमी धसो तो तुमला पाटरू बच्चा चोयेत। जोन पर कोनी नही बसयो से, ओला खोलके आनने।
जबा उ जैतून को पहाड़ पर मंदिर को पुढा बसयो होतो, त पतरस, याकूब अना योहन अना अन्दिरयास ना एक कन जायके ओला पुसिन,
ओना दुई चेला ला यो कहके धाड़िस, “नगर मा जाव अना एक मानूस घघरा मा पानी लेयके जावतो चोयेत ओको मंघा होय जाने।”
बारा चेलागीन ला हाकलीस अना उनला दोन-दोन करके धाड़ीस। अना भुत पलित कहाड़न को हक देइस।
यीसु मंग जैतून पहाड़ पर चली गयो।
मंग पेरीत जैतून नाव को पहाड लक जोन यरुसलेम लक कोनी एक किलोमीटर दुहुर से। वहान लक येरुसलेम सहेर लवटिन।