यीसु ना फरिसी को कड़ो मन ला चोयके उदास भय गयो, अना हिजड़ के चारो कन चोयीस अखीन ओनो मानूस ला कहीस “आपरो हात बढाव।” ओना बढाईस, अखीन ओको हात साजरो भई गयो।
ओ मोरो चहेतो भाऊगीन, आयको। का परमेस्वर न संसार को नजर मा ओना गरीबहून ला भरौसा मा धनी अना ओना राज को वारसाना को रूप मा नही निवड़ीसेस, जेनला परमेस्वर ना, जोन ओला माया करासेत, देवनो को बचन देयीसेस।
अरे पापी छिनालापन करन वालो मी तुमला नही जानासेउ का संसार लक मिताई जोड़न वारा परमेस्वर को सतरु बननोसे? अना जोन कोनी संसार को संगी होवनो चाव्हसे उ अपरो आप ला परमेस्वर को बैरी बनावासे।