एको मा सक नहाय का भक्ति को भेद गम्भीर से अना उ जोन हिरदय मा परगट भईसे, आतमा ना सच्चो अना धरमी ठहरायो, सरगदूत गीन ला चोवाईस गैरयहुदी लोक गीन मा, वोको परचार भयो संसार मा, वोको बिस्वास करयो गयो अना, महिमा मा वोरता उठायो गयो।
काहेका आमरो मुखिया याजक असो नाहती का आमरो कमजोरी मा अमी लक दुहुर भयी जाय। काहे का पाप ला सोड़ के सब गोस्टी मा आमरो जसो परखो गयो सेत। पर उ बेकसूर हिटयो।