हे कफरनहुम नगर! का तू सरग लक, वरता करयो जाहेत? नही तु तो पताल लक जादा धस जाहेत। काहेका, जोन ताकत को काम तोरो, अँदर मा कियो गयो से। वोच काम सदोम नगर मा करयो, जातो ता उ आज तकन बनयो रव्हतो।
जोन दरोगा (वोको हात को खालया 100 सिपाई होतिन) कूरूस को पुढा उभा होतो, जबा ओला येने रिती लक चिलावत अना जियान छोड़ता चोवीस, ता ओना कहीस, “खरो से यो मानूस परमेस्वर को टूरा होतो!”
पर जबा उनना वोला कोड़ा, लगावन काजी बारती लक बांधीन, तबा उभो सौ सेना को अधिकारि लक पौलुस न कहयो, “कोनी रोमी नागरिक जोन बेकसूर सेत कोड़ा लगवानो का सही सेत।”
तबा सेना को मुखिया न दूई सेनापती गीनला हाकलीस। अना उनला कहीस “आज रात नौ बजे तकन कैसरिया जान लाई दूई सौ सिपाई सत्तर घुडसवार अना दूई सौ भाला चलनवारो तैय्यार राखो।
जबा दक्सिनि वारा हड़ु-हड़ु बहोन लगी, ता उनना सोचयो का जसो उनना चाहयो होतो तसोच उनको योजना को मुताबीक भय गयो। त उनना लंगर उचलके किरेति को कगर-कगर जहाज चलावन लगीन।