मोसे को नियम को गुरू उभो-उभो असो, पिराथना करत होतो। “परमेस्वर मी तोला धनवाद देवासू, का मी दुसरो लोकगीन जसो, लोभी, अन्यायी, गलत काम करन वालो नहि सेव, अखीन यो जमा वसूली करन वालो, अन्धेर करन वालो जसो नही सेव।
अगो मोरो संगीहुन! तुमी जोन गोस्टी मा दुसरो ला फैसला मा खोटो ठैयरावा सो, वोच काम तुमी करासेव, तुमी कोनी भी सेव तुमरो बहाना को कारन तुमिला कोनी सूट नाहती।
भाऊगीन अना बहिनगीन। अदी यो मालुम चलतो का कोनी ना कोनी गलत काम करीसेस तो तुमी लोक जोन आतमिक सेव, ओला नरम तरीका लक साजरो करबिन। तुमी खुदच सतरक रव्हने कहिं असो न होय की तुमी भी परिक्सा मा पड़ जाहो।