23 तबा मि उन लक सपा-सपा मना कर देहुँ, अना सांगू, अरे, बुरो करम करनवालो, मोरो जवर लक चली जावो मी तुमीला नही जानासू।
तबा उ आपरो डाकयो कन, वालो लक सांगेत ओ सापित लोकगीन मोरो पुढा लक, कभी नही बुझन वालो अमर स्तो मा जावो, जोन इबलीस अखीन ओको सरगदूत गीन लाइ तैय्यार से,
पर उ तुमरो लक, कव्ह देहत, “अरे अन्याय को काम करन वालो, मी तुम्ही ला नही जानासू तुम्ही कोन सेव? तुमी मोरी नजर लक हट जाओ!”
जब घरा को मालीक उभो भई केना, किवाड़ लगा देहेत, तबा तुम्हि बाहेर लक खट-खाटावने, अखीन कव्हने आमरो लाय किवाड़ उघाड़!तब उ तुम्हिला सांग देहत, तुम्ही कहान लक आइसेव, मी नही जानासू?
वोना कहीस मी तुमला खरो कव्हसू, “मी तुमला नही चिन्हू तुमी कोन सेव?”
मि साजरो चरानवालो सेउ, मि आपरी मेढागिन ला जानासेऊ अना मोरो मेढा मोला जानासे।
पर कुतरा अना टोनहा अना छिंडरावारा अना खूनी अना मुरत पुजा करनवारा, अना हरेक झुठो को चहेतो अना बनानवारा बाहेर रह।
तबा भी परमेस्वर की पक्की नींव बनी रहवासे अखीन वोको पर यो छाप लगीसे पिरभू अपरो ला चिन्हासे अना जोन कोनी पिरभू को नाव लेवासे उ अन्याय लक बचयो रह।