16 उनको फर लक तुमी उन ला चिन्ह लेहो, का लोकगीन झाड़ी लक अंगूर, अना काँटादार झाड़ लक अँजीर तोड़ासेत ?
“तुम्ही लोक ला मालुम सेत का साजरो फर आनन लाय साजरो झाड़ लगानो पाहिजे अना बुरो झाड़ लक बुरो च फर मिलासेत। काय की झाड़ आपरो फर लक चीन्हो जासे।”
येना रिती लक उनको फर लक, तुमी उन ला चीन्ह लेहो।
पर पवीतर आतमा को फर माया, उत्साह, सान्ती, धीरज, दयालुपन, भलाई अना भरोसा सेत।
अता कोनी मानूस कवह सकेत, “तोला बिस्वास से, अना मि काम करासेऊ।” तु आपला बिस्वास मोला बगेर काम को दिसाव; अना मि आपरो बिस्वास आपला काम लक तोला दिसाहुँ।
अगा मोरा भाऊगीन, “जसो अंजीर को झाड़ मा जैतून को फर नही लग सकासे वसोच खारो झिरिया लक मीठ्ठो पानी कसो हिटहेत।”