अखीन रड़त-रड़त यीसु को पाय को जवर उभी भई, अना अपरो आसूँ लक, ओको पाय ला धोवन लगी, अखीन अपरो चुन्दी लक पाय ला पोछन लगी। अना पाय को चुम्मा लेवन लगी, अना इतर ला मलन लगी।
धन्य सेत उ मानूस, जोन परिक्सा मा उभो रव्हसेत। काहेका परिक्सा मा खरा साबीत होवासे उ जीवन को मुकुट पावन को काबील सेत। असो परमेस्वर ना उनको लाय वायदा करीसेस जोन वोको लक माया राखासेत।
परमेस्वर उनको डोरा लक हरेक आँसू पोछ देहे। अता लक मिरतू पायो न जाहे। अता ना कलपनो, ना रोवनो अना नाच कोनी दरद रहेत। काहेकि जो पहली गोस्टी होतीन, अता वय नही रहीन।