ऐको पर पतरस न कहीस, अरे हनन्याह; सैतान ला तुना आपरो मनमा यो गोस्टी कायलाई डाखन दियो? का तुना पवितर आतमा लक खोटो सांगे, अना बोकी जमीन को रकम लक काही बचाय के राख लियो।
उनको डोरा उघाड़न, उनला इंधारो लक उजाड़ कन आनन लाय, अना सैतान को अधिकार लक परमेस्वर को कन मुरकान लाय, तोला धाड़ासेऊ। उनलक तोला बचावत रहिन। एकोलक वय उनला पाप की छिमा भेटेत। अखीन उन लोखगिन को बीचमा जघा पाहेती। “जोन मोरो मा बिस्वास को कारन पवितर भयो सेत।”
एक दुसरो ला यो हक लक दुहुर नोको राखो, पर काही दिवस काजी, दुई को मनको लक, बेगरो भई जावोत, जेनको लक पिराथना काजी बेरा मिल जाहेती, मंग एक संग रव्हो, सैतान ला मौका नोको देव, का उ तुमरो परिक्सा करे।
एकोलाय का मी दरसन को लगत गोस्टी मा कही गरब लक फूल ना जाऊ, एकोलाय मोरो देह मा एक काटा गडायो जावासेत, मजे सैतान को एक दुत मोला मुक्का मारहेत, जोन लक मी घमंड नही करू।