जबा वय चली गईन त यूसुफ ला सपना मा पिरभु को एक सरग दुत न पिरगट होयके कहीस, उभो होय अना माय अना लेकरा ला धरके उगो-मुगो लक मिसर चली जाय, अना मी जबा तकन तोला नहि कहु, उतच रव्हने काहेकी हेरोदेस एना टूरा ला मारवा डाकन को लाई ढुन्डेत।
अना हेरोदेस राजा को मरनो तकन, वहाँच रहयो। एको लाई की जेनो गोस्टी ला, पिरभु ना भविस्यवक्ता गीनको टोन्ड लक, सांग्यो होतो, उ पूरो भयो “मी ना आपरो टूरा ला मिसर लक हाकलिसेव।”
तबा उनना, जवर आयके वोला जगाईन, अना कव्हयो, मालीक-मालीक हमी नास भई जाबिन, तबा वोना, आँधड़ अखीन पानी ला डटकार के हुकूम देइस, अखीन आँधड़ थम गयो, अना उनको मन मा, सुकुन आयो।