वय वोना घर मा गईन, अना उनना वोकी माय मरियम लेकरा को संग होति, उता माय अना लेकरा को दरसन करीन। अना टोंगरा टेकके, नमस्कार करन लगीन। अना आपरी-आपरी पेटी खोलके, ओमा लक मुदरो, लुभान अना गन्धरस को भेट चघाईन।
मंग उ राजा की गोस्टी ला आयक के, चली गइन। उ तारा ला बादर मा उनना देखी होतीन होती। उ उनको पुढ़ा-पुढ़ा जाय रहयो होतो, मंग जबा उ जघा आई जहान उ टूरा होतो त तारा वोको वारता रुक गयो।