4 सरग को राज मा सब लक महान वा से जोन खुद ला नरम राखा सेत, अना लहान लेकरा जसो बन जासे।
वय बेरा चेला गीन यीसु को जवर आयके, पुसन लगीन “सरग राज मा सब लक मोठयो कोन से?”
मी तुमरो लक खरो कव्हसू, का जबा तकन तुमरो मन लेकरा गीन को जसो नही होयेत, तुमी सरग को राज मा कभी नही धस सकत।
अना जोन कोनी लोक गीन मोरो नाव लक असो, एक लेकरा ला अपनावा से उ मोला अपनावा से।
पर तुम्ही मा असी बात नाहत पर जो तुम्ही मा पयले होवनो चाव्हासे व पयले तुमरो दास बनेह।
पर वय ऊगो मुगो भय गईन, काहेका उ रास्ता मा यो बैस करत होतीन, का आमरो मा कोन मोठो से?
काहेका जोन आपरो आप ला, मोठयो मानासे उ लहान कियो जाहेत, अखीन जो लहान सेत, उ मोठयो करो जाहेत।
अना उन लक कव्हयो, जोन मोरो नाव लक, असो लेकरा ला आपरो समजा से, उ मोला आपरो समजा से, अना जोन कोनी मोला आपरो समजा से, परमेस्वर वोला आपरो समजा से, काहेका तुम्ही लक, जोन कोनी नान्हो सेत, वोच सबा मा मोठयो सेत।
पिरभु को पुड़ा गरीब बनो त उ तुमला उचो महान बनाय देहे।
अना तुमी जवान हुन, तुम्ही आयको बुजरुग को अधीन रव्हो, परंतु आपरो सब च जन एकमेक को सेवा करन लाय साठी नरम रव्हो एकोलाय का “परमेस्वर गरब करनवालो को विरोध करतत, पर गरिबांना मदत करतत।”