योहन की बप्तिस्मा किता लक होतो? सरग को कन लक या मानूस को कन लक?” तबा वय आपसी मा बहस करन लगीन, अदी हमी कव्हबीन सरग को कन लक, ता उ हम लक कहे, मंग तुमी ना ओको बिस्वास काय लाई नही कियत?
एकोलाई हमी असो लेकराच न बनबिन जो हर कोनी असी नयी सिक्सा को हवा लक उछल जावबिन, जो आमरो रस्ता मा बव्हसे, लोकगीन को छल परन बेवहार लक, असी कपटता लक, जो ठगावन लक भरी योजना ला पेरीत करासे, इता-उता भटकाय दियो जावसे।