13 ओना उनको लक कहीस, तुमी उनला जेवन ला देव, उनना कहिन, हमरो जवर पांच भाकर अना दूई मसरी, ला सोड़ अखीन कहि नहात। का तू कव्हसे, की हमि जायके, सबा लोकगीन लाय, जेवन आनबीन?
जबा दिवस बुड़ता बेरा भयो, तबा 12 पेरीतगीन ना, आयके वोको लक कहिन, भीड़ ला सार कर दे, वय चारो कन का गांव, अना बस्ती मा जाय के, रव्हन को इन्तेजाम करयेत, काहे की हमि, एक सुनसान जघा मा, सेजन।
वहान पाँच हजार मानूस होतिन। मघं उ आपरो चेला गीनला, कहीस, उन ला पचास-पचास की पंगत मा बसाय देव।