असो से का ओच हेरोदेस होतो जोनना योहन ला बंदी बनायो होतो, संकली मा बाँध, बंदीघर मा डाक देयि होतीस जेना हेरोदियास को कव्हनो पर असो करियो होतो, जोन पहले ओको भाउ फिलिप्पुस को बायको होती।
वय वोना घर मा गईन, अना उनना वोकी माय मरियम लेकरा को संग होति, उता माय अना लेकरा को दरसन करीन। अना टोंगरा टेकके, नमस्कार करन लगीन। अना आपरी-आपरी पेटी खोलके, ओमा लक मुदरो, लुभान अना गन्धरस को भेट चघाईन।
जबा दिवस बुड़ गयो तबा अंगूर को बगीचा को मालिक ना आपरो मुनीम ला कहीस, नौकर बनिहार ला हाकल लेव अना आखरी मा लगयो नौकर लक सुरु करके जो पयले लक लगायो गयो, सबला पगार दे देव।
यो बात ओना एको लाई नही कहीस, की ओला गरीब गोर की चिंता होती, पर एको लाई कहीस, की उ चोट्टा होतो, अना ओको जवर ओकी पियुसी रहोत होती। अना ओको मा जो काही डाकयो जावत होतो उ हेड़ लेत होतो।
अन्ताकिया की कलीसिया मा लगतसा भविस्यवक्ता अना गुरूजी होत्यो, जसो बरनबास अना समौन जोन निगर मजे कालु कहेलावसे लूकियुस, कुरेनी, मनाहेम जेनको पालन-पोसन चौथाई देस को राजा हेरोदेस को संग भयो होतो। अना साऊल।
अना साजरो काम मा नामी रही रव्हे जेना न लेकरा गीन को लालन-पालन करी रहेस पावना गीन की सेवा करी रहेस पवीतर लोक गीन का पाय धोई सेस दुखी गीन मदद करीसेस अखिन हर एक को साजरो काम मा मन लगाई सेस।