एको लाई सब लोकगीन अचंभा करता हुया आपस मा गोस्टी करन लगीन की “यो कसो गोस्टी आय? यो तो कोनी नवो सिक्सा से? उ अधिकार को संग भुत ला भी हुकूम देवासे, अना वय ओको हुकूम मानासेती।”
यीसु उनको, संग-संग गयो, वय वोको, घर को, कठा पहुचयो होतिन, सुबेदार ना आपरो संगी गीनको जवर, यीसु को लाय यो खबर धाडीस। पिरभू दुख नोको उठावस, काहेकी, मी यो काबिल नही सेव, का तुमी मोरो छत मा आव।
मी खुदच सरकारी अधिकारी सेव। अना सिपाई मोरो हात को खाल्या सेत, अना जबा मी, एक ला कव्हसू, तु जाय, तो उ जासे अना दूसरो ला कव्हासू तू आव तो उ आवासे। अखीन अपरो दास ला कव्हासू का तु यो कर त उ करासे।