34 मानूस को टूरा जेवन करतो अना पिवतो आयो सेत अना तुम्ही कव्हसो चोवो, यो मानूस कसो अघोरी सेत? यो तो, बरगन लेवन वारा पापी गिनको संगी सेत।
“मंग मानूस को टूरा आयो, जोन सबको जसो जेवन करा सेत, तरी वय लोक कव्हासेत। चोवो! यो अघोरी गजब खावन-पीवन वारा मानूस, अना बरगन लेवन वारा, अना पापी गीन को संगी सेत।” तरी काम लक अक्ल सहीमा कसो सेत पता चलासेत।
कासेकी अदी तुम्हि अपरो लक माया राखन वारा, लक माया राखने । ता तुमरो लाई का फर होयेत? का बरगन लेवन वारा भी असो नही करेत।
असो देखीके फरिसी गीन ना ओको चेला ला कहिन, तोरो गुरूजी बरगन लेवन वारा अना पापी गीन को संग काय ला जेवन करासे?
यीसु सागंत होतो, तबच एक मोसे को नियम को गुरू ना कव्हयो, गुरूजी हमरो संग जेवन कर, यीसु भीतर जायके न, जेवन करन बस गयो।
यीसु पवीतर दिवस मा कोनी, मोसे को नियम को गुरू को यहान जेवनार मा गयो होतो, लोग वोला फसावन को ताक मा होतिन।
पर सास्तरी अखीन मोसे को नियम को गुरू मोसे को नियम को गुरुगीन, कुडकूडान लगीन, अना कव्हन लगीन यो तो पापी लोक गीन, संग मिलसे उनको च संग जेवन करासे।
यो चोवकर सप्पा लोक गीन, कुड़ कुड़ा के कव्हन लगीन, उ तो एक पापी मानूस को, यहाँ पाहूना सेत
तबा लेवी ना अपरो घर मा वोको लाय एक मोठो जेवन देईस, अना वहान पर जमा वसूल करन वालो, अखीन बेजा लोग वोको संग मा जेवन करन ला बस गईन, वहान लगत मानूस होतिन।
योहन बप्तिस्मा देवन वालो कभी जेवन नही जेवो, न कभी दारू पिविस, मंग तुमीना कव्हयो, एको मा बालजबुल से।
पर परमेस्वर की अक्कल अपरो सबा परजा को लक खरो दिसाईसेस।
कोनी मोसे को नियम को गुरू न बिनती करीस, की मोरो संग जेवन कर, तबा धरमगुरू को संग, ठाव मा बस्यो।
उता उनना ओको लाई जेवन तैय्यार करी होतीन, अना मारथा सेवा करत होती। लाजर उनमा लक एक होतो, जोन ओको सँगा जेवन लाई बसयो होतो।
यीसु अना वोका चेला गीन भी नेवता मा आयो होतीन।