25 तुमी का चोवन गयो होतो? का नरम कपरा पहरो हुवो मानूस ला, जोन सजरा कपरा पहिरिसेस, अना सुख लक रव्हसे? उ महीमा लक राज दरबार मा रव्हसे।
मंग तुम्ही काजक चोवन आयीसेव? का एक मानूस ला जोन साजरो झंगा घालासेत? असो मानूस तो राज भवन मा च रव्हासेत।
योहन को कपरा ऊट को चुन्दी लक बनयो होतो। अना आपरी कमर मा चमड़ा को पट्टा बांधत होतो। ओको जेवन फाफा अना सहेद होतो।
एतरो मा भी मि तुम लक कव्हसु का राजा सुलेमान भी, आपरो महिमा सप्पा धन माया मा उनमा लक कोनी को जसो कपरा नही डाकयो होतो।
एक धनवान मानूस रव्हत होतो। उ गजब मंहगो ऊचो-ऊचो कपरा घालत होत्यो, अना रोज साजरो-साजरो जेवन करत होतो।
जबा योहन को चेला चले गइन, त यीसु योहन को बारे मा लोग गीन ला संगिस, “तुमी जंगल मा का चोवन गयो होतो? का हवा लक हिलतो, झाड़-झड़ुला ला।
तबा तुमी का चोवन ला गयो होतो, का कोनी भविस्यवक्ता ला? मि तुमरो लक कव्हसु, उ भविस्यवक्ता लक मोठो सेत।