21 ओना बेरा, ओना गजब बिमार ला दया लक साजरो करीस, अँधरा गीनको डोरा उघाड़ो, अना भूत-पलीत ला भगायो।
यीसु सारो गलील मा हिंडत-हिंडत उनको पिराथना घर मा सिक्सा देवन लगयो होतो। अना राज को साजरो बारता को बारे मा सांगत होतो। अखीन लोक गीन की हर बीमारी, अना कमजोरी, ला साजरो करत होतो।
अना वोको नाव सफा सीरिया देस मा, फैल गयो। अखीन लोकगीन सप्पा बीमार ला, अना दुखी मानूस गीन ला अना जिनमा भुत-पलित झोमयो होतिन, मिरगी वारा, लकवा वारा ला ओको जवर आनीन। अना उ उनला साजरो करत होतो।
काहे की ओना लगत ला साजरो करत होतो; एकोलाय जेतरा लोक कोढ को बीमार होतीन, ओला छुवन लाई ओको पर गिरत पड़त होतीन।
अना गदने ओको रकत बहनो बंद भई गयो। अना ओना आपरो देह मा जान लेइस, की मि ओना बीमारी लक साजरी भई गई सेव।
ओना ओको लक कहीस; “टूरी तोरो भरोसा लक तु साजरो भईसेस। सान्ती लक जाव अना सारो संकट लक बची रव्ह।”
तबा वय लोक ओको जवर आवा सेत ता उनना कहिन योहन बप्तिस्मा देन वालो यो कव्हके पूसन ला धाड़िसेस। “का आवनवालो तू च आस, का अखीन कोनी सेत?”
काहेका पिरभू उनला डाँटासेत जोन लक पिरेम करासेत। वसोच जसो अजी आपरो लेकरा ला सजा देवासेत। जोन वोको चहेतोसेत।”